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"आयशा के लिए (चौदह)/ असद ज़ैदी" के अवतरणों में अंतर
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ख़बर तो उसको भी न थी कि उसे मैं वहाँ मिलूँगा | ख़बर तो उसको भी न थी कि उसे मैं वहाँ मिलूँगा | ||
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शायद किसी ने कल्पना भी न की थी कि हम वहाँ होंगे | शायद किसी ने कल्पना भी न की थी कि हम वहाँ होंगे | ||
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अब सोचने पर लगता है | अब सोचने पर लगता है | ||
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जैसे सब कुछ तय था हम सब को पता था | जैसे सब कुछ तय था हम सब को पता था | ||
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पहले से एक-एक बात का | पहले से एक-एक बात का | ||
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19:13, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
ख़बर पहले से न थी कि आयशा आयेगी
ख़बर तो उसको भी न थी कि उसे मैं वहाँ मिलूँगा
शायद किसी ने कल्पना भी न की थी कि हम वहाँ होंगे
अब सोचने पर लगता है
जैसे सब कुछ तय था हम सब को पता था
पहले से एक-एक बात का