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"वे अब भी हँस रहे हैं / आग्नेय" के अवतरणों में अंतर
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अब नहीं चमकता है चन्द्रमा | अब नहीं चमकता है चन्द्रमा |
11:17, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
अब नहीं चमकता है चन्द्रमा
बुझ चुकी है
शाम से जलने वाली आग
घुप्प अंधेरे में
वे सब हँस रहे हैं
उनके साथ हँस रहे हैं
उनके बच्चे, उनकी बकरियाँ
उनके गदहे और उनके कुत्ते
मेरे घर और उनके घुप्प अंधेरे के बीच
पसरी है एक सड़क
दस क़दमों में पार की जा सकने वाली सड़क
उनका हँसना,
चट कर जाएगा
मेरा घर, मेरा सुख-संसार
रोकना है मुझे
उनकी हँसी को
बना देना है
सड़क से आकाश तक जाने वाली दीवार
दीवार के उस पार
अब भी हँस रहे हैं
नष्ट हो चुकी है
दीवार बनाए जाने की अन्तिम सम्भावना
वे सब अब भी हँस रहे हैं।