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क्यों मेरे साथ-साथ आता है ?
 
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मेरी मंज़िल है बेनिशाँ नादाँ
 
मेरी मंज़िल है बेनिशाँ नादाँ
 
 
साथ मेरा-तेरा कहाँ नादाँ
 
साथ मेरा-तेरा कहाँ नादाँ
 
 
थक गए पाँव पड़ गए छाले
 
थक गए पाँव पड़ गए छाले
 
 
मंज़िलें टिमटिमा रही हैं - दूर
 
मंज़िलें टिमटिमा रही हैं - दूर
 
 
बस्तियाँ और जा रही हैं - दूर
 
बस्तियाँ और जा रही हैं - दूर
 
 
मैं अकेला चलूँगा ऎ साए
 
मैं अकेला चलूँगा ऎ साए
 
 
कौन अहदे-वफ़ा निभाता है
 
कौन अहदे-वफ़ा निभाता है
 
 
क्यों मेरे साथ-साथ आता है
 
क्यों मेरे साथ-साथ आता है
 
 
तू अभी जा मिलेगा सायों में
 
तू अभी जा मिलेगा सायों में
 
 
मैं कहाँ जाऊँ मैं कहाँ जाऊँ
 
मैं कहाँ जाऊँ मैं कहाँ जाऊँ
 
 
किसकी आग़ोश में अमाँ पाऊँ
 
किसकी आग़ोश में अमाँ पाऊँ
 
  
 
(रचनाकाल : 1944)
 
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19:17, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

क्यों मेरे साथ-साथ आता है ?
मेरी मंज़िल है बेनिशाँ नादाँ
साथ मेरा-तेरा कहाँ नादाँ
थक गए पाँव पड़ गए छाले
मंज़िलें टिमटिमा रही हैं - दूर
बस्तियाँ और जा रही हैं - दूर
मैं अकेला चलूँगा ऎ साए
कौन अहदे-वफ़ा निभाता है
क्यों मेरे साथ-साथ आता है
तू अभी जा मिलेगा सायों में
मैं कहाँ जाऊँ मैं कहाँ जाऊँ
किसकी आग़ोश में अमाँ पाऊँ

(रचनाकाल : 1944)