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"कहा था मैंने / इला कुमार" के अवतरणों में अंतर

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कभी न कभी अवश्य आऊंगी
 
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अपने शहर की मोहग्रस्त धरती पर
 
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एक बारगी हिलक उठता है
 
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दूर गुलमोहर के पीछे
 
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आकाश के विस्तार में छिपी है
 
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दो आकुल आँखों में भरी प्रतीक्षा
 
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सम्पूर्ण सिहरते वजूद का यह वाष्पित दाब
 
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19:33, 9 नवम्बर 2009 का अवतरण

माँ के लिए

कहा था मैंने
लौटकर
कभी न कभी अवश्य आऊंगी

किसी गर्म उमस भरी दुपहरिया में
ठसाठस भरी बस से उतरकर
अपने शहर की मोहग्रस्त धरती पर

छूट गया समय
एक बारगी हिलक उठता है

दूर गुलमोहर के पीछे
आकाश के विस्तार में छिपी है
दो आकुल आँखों में भरी प्रतीक्षा

सम्पूर्ण सिहरते वजूद का यह वाष्पित दाब