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"कपास / इला प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

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आसमान की नीली चादर पर  
 
बादलों की कपास धुनकर  
 
बादलों की कपास धुनकर  
 
 
किसने ढेरियाँ लगाई हैं ?  
 
किसने ढेरियाँ लगाई हैं ?  
 
 
   
 
   
 
 
मैंने आँखों ही आँखों में  
 
मैंने आँखों ही आँखों में  
 
 
माप लिया पूरा आकाश  
 
माप लिया पूरा आकाश  
 
 
रूई के गोले उड़ते थे  
 
रूई के गोले उड़ते थे  
 
 
यत्र-तत्र-सर्वत्र  
 
यत्र-तत्र-सर्वत्र  
 
 
नयनाभिराम था दृश्य  
 
नयनाभिराम था दृश्य  
 
 
  
 
मैं सपनों के सिक्के लिए  
 
मैं सपनों के सिक्के लिए  
 
 
बैठी रही देर तक  
 
बैठी रही देर तक  
 
 
बटोरने को बेचैन  
 
बटोरने को बेचैन  
 
 
बादलों की कपास  
 
बादलों की कपास  
 
 
झोली भर  
 
झोली भर  
 
 
  
 
लेकिन कोई रास्ता  
 
लेकिन कोई रास्ता  
 
 
जो आसमान को खुलता हो  
 
जो आसमान को खुलता हो  
 
 
नज़र नहीं आया........
 
नज़र नहीं आया........
 
 
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20:20, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

आसमान की नीली चादर पर
बादलों की कपास धुनकर
किसने ढेरियाँ लगाई हैं ?
 
मैंने आँखों ही आँखों में
माप लिया पूरा आकाश
रूई के गोले उड़ते थे
यत्र-तत्र-सर्वत्र
नयनाभिराम था दृश्य

मैं सपनों के सिक्के लिए
बैठी रही देर तक
बटोरने को बेचैन
बादलों की कपास
झोली भर

लेकिन कोई रास्ता
जो आसमान को खुलता हो
नज़र नहीं आया........