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"रोज़ बदलता मौसम / इला प्रसाद" के अवतरणों में अंतर
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20:46, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
यहां मौसम हर रोज़ बदलता है
और लोगों के मिज़ाज भी ।
एक मौसम इस घर का है
एक मौसम शहर का।
एक मौसम मेरे मन का है
वीतराग ...
सोंचती हूँ
कहीं जो बिठा पाती संगति
इन सबके बीच
तो मेरे मन का मौसम
क्या होता?
वहाँ हरदम शायद
वसंत होता!