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"ख़ुदारा! न दो बदगुमानी का मौका / आरज़ू लखनवी" के अवतरणों में अंतर
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00:15, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
खुदारा ! न दो बदगुमानी का मौक़ा।
कहलवा के औरों से पैग़ाम अपना॥
हविसकार आशिक भी ऐसा है जैसे--
वह बन्दा कि रख ले ख़ुदा नाम अपना॥