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"फिर ‘आरज़ू’ को दर से उठा, पहले यह बता / आरज़ू लखनवी" के अवतरणों में अंतर
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फिर ‘आरजू’ को दर से उठा, पहले यह बता। | फिर ‘आरजू’ को दर से उठा, पहले यह बता। | ||
आखिर ग़रीब जाये कहाँ और कहाँ रहे॥ | आखिर ग़रीब जाये कहाँ और कहाँ रहे॥ | ||
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था शौके़दीद ताब-ए-आदाबे-बज़्मेनाज़। | था शौके़दीद ताब-ए-आदाबे-बज़्मेनाज़। | ||
यानी बचा-बचा के नज़र देखते रहे॥ | यानी बचा-बचा के नज़र देखते रहे॥ | ||
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अहले-क़फ़स का ख़ौफ़ज़दा शौक़ क्या कहूँ? | अहले-क़फ़स का ख़ौफ़ज़दा शौक़ क्या कहूँ? | ||
सूएचमन समेट के पर देखते रहे॥ | सूएचमन समेट के पर देखते रहे॥ | ||
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00:23, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
फिर ‘आरजू’ को दर से उठा, पहले यह बता।
आखिर ग़रीब जाये कहाँ और कहाँ रहे॥
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था शौके़दीद ताब-ए-आदाबे-बज़्मेनाज़।
यानी बचा-बचा के नज़र देखते रहे॥
अहले-क़फ़स का ख़ौफ़ज़दा शौक़ क्या कहूँ?
सूएचमन समेट के पर देखते रहे॥