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इछामती और मेघना  
 
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महानंदा
 
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रावी और झेलम  
 
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गंगा गोदावरी  
 
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नर्मदा और घाघरा  
 
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नाम लेते हुए भी तकलीफ़ होती है  
 
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उनसे उतनी ही मुलाक़ात होती है  
 
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जितनी वे रास्ते में आ जाती हैं  
 
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और उस समय भी दिमाग कितना कम
 
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पास जा पाता है
 
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दिमाग तो भरा रहता है  
 
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लुटेरों के बाज़ार के शोर से।
 
लुटेरों के बाज़ार के शोर से।
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00:48, 10 नवम्बर 2009 का अवतरण

इछामती और मेघना
महानंदा
रावी और झेलम
गंगा गोदावरी
नर्मदा और घाघरा
नाम लेते हुए भी तकलीफ़ होती है

उनसे उतनी ही मुलाक़ात होती है
जितनी वे रास्ते में आ जाती हैं

और उस समय भी दिमाग कितना कम
पास जा पाता है
दिमाग तो भरा रहता है
लुटेरों के बाज़ार के शोर से।