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"आमीन. / आलोक श्रीवास्तव-१" के अवतरणों में अंतर
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फिर फूल खिले अरमानों के | फिर फूल खिले अरमानों के | ||
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फिर आस की ख़ुशबू महकी है | फिर आस की ख़ुशबू महकी है | ||
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फिर साँस मिली कुछ ख़्वाबों को | फिर साँस मिली कुछ ख़्वाबों को | ||
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फिर साज बजे तदबीरों के | फिर साज बजे तदबीरों के | ||
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ये किसने दुआएँ बांधीं और | ये किसने दुआएँ बांधीं और | ||
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बंधन खोले जंज़ीरों के। | बंधन खोले जंज़ीरों के। | ||
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01:03, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
पाकिस्तान से दिल का इलाज कराने भारत आई बेबी नूर के नाम।
फिर रात ने रस्ता बदला है
फिर सुबह की चादर फैली है
फिर फूल खिले अरमानों के
फिर आस की ख़ुशबू महकी है
फिर अम्न फ़िजा में गूँजा है
फिर गीत छिड़े उम्मीदों के
फिर साँस मिली कुछ ख़्वाबों को
फिर साज बजे तदबीरों के
ये किसने दुआएँ बांधीं और
बंधन खोले जंज़ीरों के।