भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सेमल / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोचन }}<poem>सेमल अपने लाल लाल फूलों से भूमि और …)
 
(कोई अंतर नहीं)

08:12, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

सेमल अपने लाल लाल फूलों से
भूमि और आकाश का
अभिनंदन करता है।

उस का हुलास वातावरण को
अहोरात्र दीप्ति देता है
वह सूर्य चंद्र और तारों का
साथी है, सहचर है
निंदक भी उसके पास आते हैं
निंदा कर जाते हैं।

सेमल नें मुझ से कहा--
मुझे मिला है जो कुछ
उसी से मैं पास आने वालों का
सत्कार करता हूँ
अपने लिये उन से
कोई आशा नहीं करता।

6.11.2002