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"और पत्ते गिर रहे हैं इस तरह लगातार-2 / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=रात में हारमोनिययम / उदय प्रकाश
 
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यह भी अंत नहीं है
 
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यह आरम्भ भी नहीं है
 
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यहाँ से कोई ट्रेन बनकर नहीं चलती
 
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कोई टर्मिनल नहीं है यहाँ
 
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सुनो भाई अकबर!
 
सुनो भाई अकबर!
 
 
सुनो भाई बिसनू!
 
सुनो भाई बिसनू!
 
 
सुनो भाई साधो!
 
सुनो भाई साधो!
 
  
 
यहाँ सिर्फ़ एक तेज़ सीटी बजती रहती है लगातार
 
यहाँ सिर्फ़ एक तेज़ सीटी बजती रहती है लगातार
 
  
 
बीच-बीच में सुनाई देता है कोई धमाका
 
बीच-बीच में सुनाई देता है कोई धमाका
 
 
और बजती रहती हैं लोहे की घंटियाँ
 
और बजती रहती हैं लोहे की घंटियाँ
 
 
कुछ बत्तियाँ जलती-बुझती रहती हैं लाल और हरे रंग की
 
कुछ बत्तियाँ जलती-बुझती रहती हैं लाल और हरे रंग की
 
 
वर्षों से नियमित
 
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किसी अदृश्य उद्देश्य के लिए लगातार
 
किसी अदृश्य उद्देश्य के लिए लगातार
 
  
 
पैदल चलो भाई बिसनू!
 
पैदल चलो भाई बिसनू!
 
 
पैदल चलो भाई अकबर!
 
पैदल चलो भाई अकबर!
 
 
पैदल चलो भाई साधो!!
 
पैदल चलो भाई साधो!!
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00:17, 11 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

यह भी अंत नहीं है
यह आरम्भ भी नहीं है

यहाँ से कोई ट्रेन बनकर नहीं चलती
कोई टर्मिनल नहीं है यहाँ

सुनो भाई अकबर!
सुनो भाई बिसनू!
सुनो भाई साधो!

यहाँ सिर्फ़ एक तेज़ सीटी बजती रहती है लगातार

बीच-बीच में सुनाई देता है कोई धमाका
और बजती रहती हैं लोहे की घंटियाँ
कुछ बत्तियाँ जलती-बुझती रहती हैं लाल और हरे रंग की
वर्षों से नियमित
किसी अदृश्य उद्देश्य के लिए लगातार

पैदल चलो भाई बिसनू!
पैदल चलो भाई अकबर!
पैदल चलो भाई साधो!!