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"द्वारपाल / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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तुम यहाँ कहाँ बैठे हो, द्वारपाल?
 
तुम यहाँ कहाँ बैठे हो, द्वारपाल?
 
  
 
यह तो निर्जन मैदान है और चौखट दरवाज़ा नहीं है कहीं भी
 
यह तो निर्जन मैदान है और चौखट दरवाज़ा नहीं है कहीं भी
 
  
 
तुम्हें सीमेंट से नहीं बनाया गया है, द्वारपाल
 
तुम्हें सीमेंट से नहीं बनाया गया है, द्वारपाल
 
 
तुम जागे हुए या सोए हुए हो, द्वारपाल
 
तुम जागे हुए या सोए हुए हो, द्वारपाल
 
 
भूख तुम्हें लगी होगी, द्वारपाल
 
भूख तुम्हें लगी होगी, द्वारपाल
 
 
क्या बीड़ी पिओगे, द्वारपाल
 
क्या बीड़ी पिओगे, द्वारपाल
 
  
 
वे जो असुरक्षित हुआ करते थे ग़रीबों से
 
वे जो असुरक्षित हुआ करते थे ग़रीबों से
 
 
वर्षों पहले रात में
 
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यह जगह छोड़कर
 
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कहीं और चले गए हैं, द्वारपाल
 
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तुम अब
 
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बिल्कुल सुरक्षित हो, द्वारपाल।
 
बिल्कुल सुरक्षित हो, द्वारपाल।
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00:33, 11 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

तुम यहाँ कहाँ बैठे हो, द्वारपाल?

यह तो निर्जन मैदान है और चौखट दरवाज़ा नहीं है कहीं भी

तुम्हें सीमेंट से नहीं बनाया गया है, द्वारपाल
तुम जागे हुए या सोए हुए हो, द्वारपाल
भूख तुम्हें लगी होगी, द्वारपाल
क्या बीड़ी पिओगे, द्वारपाल

वे जो असुरक्षित हुआ करते थे ग़रीबों से
वर्षों पहले रात में
यह जगह छोड़कर
कहीं और चले गए हैं, द्वारपाल

तुम अब
बिल्कुल सुरक्षित हो, द्वारपाल।