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"दुर्दिनों में कविता-3 / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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हाथ जोड़े हुए दूर से मुस्कराते हैं आप
 
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हृदय में उठती है आंधी कहने के लिए
 
हृदय में उठती है आंधी कहने के लिए
 
 
नमस्कार... नमस्कार...
 
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किसी अदृश्य की तरह देखते हुए आपको
 
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आपके बग़ल से गुज़र जाता है
 
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राजधानियों के संवेदनशील कवियों का गिरोह
 
राजधानियों के संवेदनशील कवियों का गिरोह
 
 
किसी कविता की कतिपय करुण पंक्ति पर
 
किसी कविता की कतिपय करुण पंक्ति पर
 
 
मगन मन मूंड हिलाता
 
मगन मन मूंड हिलाता
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00:38, 11 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

हाथ जोड़े हुए दूर से मुस्कराते हैं आप
हृदय में उठती है आंधी कहने के लिए
नमस्कार... नमस्कार...

किसी अदृश्य की तरह देखते हुए आपको
आपके बग़ल से गुज़र जाता है
राजधानियों के संवेदनशील कवियों का गिरोह
किसी कविता की कतिपय करुण पंक्ति पर
मगन मन मूंड हिलाता