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तीन वर्ष / उदय प्रकाश

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|संग्रह= रात में हारमोनिययम / उदय प्रकाश
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मैं तुम्हें पिछले
 
तीन वर्षों से जानता हूँ
 
तीन वर्ष इतनी जल्दी नहीं होते
 
जितनी जल्दी कह दिए जाते हैं
 
तीन वर्षों में
 
कलम में आम लग जाते हैं
 
सामने की छत पर
 
दोपहर कंघी करने वाली लड़की
 
कहीं ग़ायब हो जाती है
 
स्कूल में निरंजन मास्साब
 
शाजापुर चले जाते हैं
 
काकी को तपेदिक हो जाता है और
 
तीन वर्षों में
 
मुझे और मेरे भाई को कहीं नौकरी नहीं मिलती
 
तीन वर्षों में
 
हमारे चेहरों, प्रेमिकाओं और उम्मीदों
 
और बहुत सारी चीज़ों को घुला डालने लायक
 
काफ़ी सारा तेज़ाब होता है
 
मैं तुम्हें पिछले
 
तीन सालों से बताना चाहता हूँ
 
कि इन अख़बारों में
 
पिछले कई वर्षों से हमारे बारे में
 
कुछ भी नहीं छपा ।
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