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"उन्हें एतराज है / नोमान शौक़" के अवतरणों में अंतर

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वे कहते हैं
 
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पलाश के फूल
 
पलाश के फूल
 
क्यों छोड़ जाती हैं
 
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अमावस के पदचिन्ह
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अमावस के पदचिह्न
चांदनी रातें उनकी खिड़कियों पर
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चाँदनी रातें उनकी खिड़कियों पर
 
सुरा और सुन्दरी के बीच रहकर भी  
 
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क्यों बूढे हो जाते हैं वे
 
क्यों बूढे हो जाते हैं वे

18:58, 11 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

वे कहते हैं
वसंत रुक क्यों नहीं जाता
उनके गमले में उगे पौधों पर
ठहर क्यों नहीं जाता
हमेशा के लिए पानी
गाँव के तालाब में
धरती पर गिर कर
क्यों खाद में तब्दील हो जाते हैं
पलाश के फूल
क्यों छोड़ जाती हैं
अमावस के पदचिह्न
चाँदनी रातें उनकी खिड़कियों पर
सुरा और सुन्दरी के बीच रहकर भी
क्यों बूढे हो जाते हैं वे
उन्हें ऐतराज़ है !

उन्हें ऐतराज़ है
आख़िर घूमती क्यों है पृथ्वी !