भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"समन्दर कर दिया नाम इसका सबने कह-कहकर / सौदा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सौदा }} <poem> समन्दर कर दिया नाम इसका सबने कह-कहकर हु…)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:26, 14 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

समन्दर कर दिया नाम इसका सबने कह-कहकर
हुए थे जमा कुछ आँसू मेरी आँखों से बह-बहकर
किसे ताक़त है शरहे-शौक़ उस मजलिस में करने की
उठा देने के डर से साँस वाँ लेते हैं रह-रहकर