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हमदर्द / फ़राज़

75 bytes added, 15:00, 15 नवम्बर 2009
{{KKRachna
|रचनाकार=अहमद फ़राज़
|संग्रह=दर्द आशोब / फ़राज़ ; ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी ! / फ़राज़ 
}}
{{KKCatNazm}}
ऐ दिल उन आँखों पर न जा
जिनमें वफ़ूरे-रंज<ref>दु:खों की बहुतायत</ref>से कुछ देर को तेरे लिए
आँसू अगर लहरा गए