भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दैया री मोहे भिजोया री शाह निजम के रंग में। / अमीर खुसरो" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rajeevnhpc102 (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमीर खुसरो }} {{KKCatKavita}}<poem> दैया री मोहे भिजोया री शाह …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:15, 16 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
दैया री मोहे भिजोया री शाह निजाम के रंग में।
कपरे रंगने से कुछ न होवत है
या रंग में मैंने तन को डुबोया री
पिया रंग मैंने तन को डुबोया
जाहि के रंग से शोख रंग सनगी
खूब ही मल मल के धोया री।
पीर निजाम के रंग में भिजोया री।