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"मनुष्य के लिए / जया जादवानी" के अवतरणों में अंतर
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02:10, 19 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
अगर मैं उठा लूँ
तेज़ गति से दौड़ते हुए
पृथ्वी पर गिरा एक तिनका
तो मैं रच सकती हूँ
एक अनश्वर कविता
मनुष्य के लिए...।