भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"समय में / जया जादवानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= जया जादवानी |संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्व…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:06, 22 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
समय के माथे पर बिन्दी
लगाती हूँ समय की
इस तरह शब्द एक रचती हूँ
रंग में घुलती हूँ समय के
इस तरह इसे पढ़ती हूँ
समय को रचना
समय को पढ़ना
समय ही हो जाना है
अंततः...।