भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"खतरनाक / लाल्टू" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |संग्रह= }} <poem>जो नियमित हैं उनका अनियम। जो…)
(कोई अंतर नहीं)

17:23, 24 नवम्बर 2009 का अवतरण

जो नियमित हैं उनका अनियम।
जो संतुलित उनका असंतुलन।

जो स्पंदित हैं उनकी जड़ता
जो सरल उनकी जटिलता।

जो इसलिए मेरे साथ कि मैं उनके गाँव का हूँ
या दूर के रिश्ते का भाई या चाचा हूँ
उनकी सरलता।

जो वाहवाही करते हैं उनकी चैन की नीद
बिना नमक की दाल में ज्यादा पड़ा हींग।