भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तेरी हँसी / सतीश बेदाग़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: किताब वो एक किताब जो हम साथ पढ़ा करते हैं सिरहाने नीचे वहीं की वही…)
(कोई अंतर नहीं)

19:13, 24 नवम्बर 2009 का अवतरण

किताब वो एक किताब जो हम साथ पढ़ा करते हैं सिरहाने नीचे वहीं की वहीं मिलेगी तुम्हें वो ज़िन्दगी जिसे हम साथ जिया करते हैं तुम्हारे पीछे वहीं की वहीं पड़ी है बंद

जहां से पन्ना मुड़ा देखो खोल लेना तुम

('एक चुटकी चाँदनी' से)