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"मुस्काना / ऋतु पल्लवी" के अवतरणों में अंतर
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दो कलि सामान कोमल अधरों पर | दो कलि सामान कोमल अधरों पर | ||
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शांत चित्त की सहज कोर धर | शांत चित्त की सहज कोर धर | ||
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अलि की सरस सुरभि को भी हर | अलि की सरस सुरभि को भी हर | ||
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प्रथम उषा की लाली भर कर | प्रथम उषा की लाली भर कर | ||
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स्निग्ध सरस सम बहता सीकर | स्निग्ध सरस सम बहता सीकर | ||
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चिर आशा का अमृत पीकर | चिर आशा का अमृत पीकर | ||
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साँसों की एक मंद लहर से | साँसों की एक मंद लहर से | ||
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कलि द्वय का स्पंदित हो जाना | कलि द्वय का स्पंदित हो जाना | ||
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तभी उन्हीं के मध्य उभरते | तभी उन्हीं के मध्य उभरते | ||
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मुक्तक पंक्ति का खिल जाना | मुक्तक पंक्ति का खिल जाना | ||
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जीने से कहीं सुखकर लगता है | जीने से कहीं सुखकर लगता है | ||
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ऐसे मुस्काने पर, | ऐसे मुस्काने पर, | ||
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सर्वस्व त्यागकर मिट जाना ! | सर्वस्व त्यागकर मिट जाना ! | ||
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19:44, 24 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
दो कलि सामान कोमल अधरों पर
शांत चित्त की सहज कोर धर
अलि की सरस सुरभि को भी हर
प्रथम उषा की लाली भर कर
स्निग्ध सरस सम बहता सीकर
चिर आशा का अमृत पीकर
साँसों की एक मंद लहर से
कलि द्वय का स्पंदित हो जाना
तभी उन्हीं के मध्य उभरते
मुक्तक पंक्ति का खिल जाना
जीने से कहीं सुखकर लगता है
ऐसे मुस्काने पर,
सर्वस्व त्यागकर मिट जाना !