भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पोखरन 1998 -4 / लाल्टू" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rajeevnhpc102 (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |संग्रह= }}<poem>सुबह की पहली पहली साँस को नमन…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:13, 26 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
सुबह की पहली पहली साँस को
नमन करने वालों
आओ मेरे पास आओ
हरी हरी घास और पेड़ों को छूकर चलने वालों
आओ हमें गद्दार घोषित किया गया है
सलीब पर चढ़ने से पहले आओ
उन्हें हम अपनी कविताएँ सुनाएँ।