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"जागृति / इन्साफ़ की डगर पे बच्चो दिखाओ चल के" के अवतरणों में अंतर

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ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के
 
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के
  
दुनिया के रंज सहना और कुछ ना मुँह से कहना
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दुनिया के रंज सहना और कुछ मुँह से कहना
 
सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना
 
सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना
 
रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदल के
 
रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदल के
  
 
अपने हों या पराये, सब के लिए हो न्याय
 
अपने हों या पराये, सब के लिए हो न्याय
देखो कदम तुम्हारा, हरगि‍ज़ ना डगमगाए
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देखो कदम तुम्हारा, हरगि‍ज़ डगमगाए
रस्ते बड़े
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रस्ते बड़े कठि‍न हैं, चलना सँभल-सँभल के
कठि‍न हैं, चलना सँभल-सँभल के
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इन्सानियत के सर पे, इज़्ज़त
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इन्सानियत के सर पे, इज़्ज़त का ताज रखना
का ताज रखना
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तन-मन की भेंट देकर , भारत की लाज रखना
तन-मन की भेंट
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देकर , भारत की लाज रखना
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जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के
 
जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के
 
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20:23, 26 नवम्बर 2009 का अवतरण

इन्साफ़् की डगर पे, बच्चो दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के

दुनिया के रंज सहना और कुछ न मुँह से कहना
सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदल के

अपने हों या पराये, सब के लिए हो न्याय
देखो कदम तुम्हारा, हरगि‍ज़ न डगमगाए
रस्ते बड़े कठि‍न हैं, चलना सँभल-सँभल के

इन्सानियत के सर पे, इज़्ज़त का ताज रखना
तन-मन की भेंट देकर , भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के