"उसकी दुनिया / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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उसकी दुनिया | उसकी दुनिया | ||
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बिल्कुल अलग है | बिल्कुल अलग है | ||
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मेरी दुनिया से | मेरी दुनिया से | ||
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उसकी दुनिया में सपने हैं प्यार के | उसकी दुनिया में सपने हैं प्यार के | ||
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कहीं दूर से उसे ब्याहने को आए राजकुमार के | कहीं दूर से उसे ब्याहने को आए राजकुमार के | ||
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प्रेम है वहाँ, स्नेह है | प्रेम है वहाँ, स्नेह है | ||
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हृदय में वात्सल्य का अजस्र स्रोत | हृदय में वात्सल्य का अजस्र स्रोत | ||
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पक्षियों की उड़ान है उसके भीतर | पक्षियों की उड़ान है उसके भीतर | ||
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फूल हैं, हरे-भरे बाग हैं | फूल हैं, हरे-भरे बाग हैं | ||
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दूर आसमान को पार कर | दूर आसमान को पार कर | ||
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सूरज और चाँद तक पहुँच जाने की इच्छा | सूरज और चाँद तक पहुँच जाने की इच्छा | ||
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हेलबोप्प पुच्छल तारे को छूकर | हेलबोप्प पुच्छल तारे को छूकर | ||
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लौट आने की इच्छा | लौट आने की इच्छा | ||
कहीं किसी वन में | कहीं किसी वन में | ||
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हिरणी की तरह दौड़ लगाना चाहती है वह | हिरणी की तरह दौड़ लगाना चाहती है वह | ||
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अपने पीछे नर-हिरण को भगाना चाहती है वह | अपने पीछे नर-हिरण को भगाना चाहती है वह | ||
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उसकी दुनिया में सपने हैं यार के | उसकी दुनिया में सपने हैं यार के | ||
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दिन-रात उसके पास रहे, ऎसे दिलदार के | दिन-रात उसके पास रहे, ऎसे दिलदार के | ||
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बिल्कुल अलग है उसकी दुनिया | बिल्कुल अलग है उसकी दुनिया | ||
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मेरी दुनिया से | मेरी दुनिया से | ||
उसकी दुनिया में अभी भूख नहीं है | उसकी दुनिया में अभी भूख नहीं है | ||
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बेरोज़गारी, बेकारी नहीं है | बेरोज़गारी, बेकारी नहीं है | ||
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आर्थिक संकट की सूली नहीं है उसकी दुनिया में | आर्थिक संकट की सूली नहीं है उसकी दुनिया में | ||
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घर तो है पर घर का हिसाब नहीं है | घर तो है पर घर का हिसाब नहीं है | ||
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बेशुमार बच्चे तो हैं, पर उनका शाप नहीं है | बेशुमार बच्चे तो हैं, पर उनका शाप नहीं है | ||
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नौकरी की इच्छा, पैसा कमाने की होड़ | नौकरी की इच्छा, पैसा कमाने की होड़ | ||
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प्रतिद्वंद्विता, तनाव | प्रतिद्वंद्विता, तनाव | ||
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अभाव, अक्षमता, बेचारगी | अभाव, अक्षमता, बेचारगी | ||
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ऋण, सूद, सूदखोर, बेबसी | ऋण, सूद, सूदखोर, बेबसी | ||
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गिद्ध, साँप, छल-कपट, दगा, धोखा | गिद्ध, साँप, छल-कपट, दगा, धोखा | ||
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छाती पर दला मूँग, युद्ध, हत्यारे | छाती पर दला मूँग, युद्ध, हत्यारे | ||
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विपत्तियाँ, चिंताएँ और परेशानियाँ | विपत्तियाँ, चिंताएँ और परेशानियाँ | ||
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खर्चे दुनिया भर के नहीं हैं वहाँ | खर्चे दुनिया भर के नहीं हैं वहाँ | ||
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चर्चे दुनिया भर के नहीं हैं वहाँ | चर्चे दुनिया भर के नहीं हैं वहाँ | ||
उसकी दुनिया | उसकी दुनिया | ||
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बिल्कुल अलग है | बिल्कुल अलग है | ||
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मेरी दुनिया से | मेरी दुनिया से | ||
− | + | '''1997 में रचित''' | |
− | 1997 में रचित | + | </poem> |
20:57, 26 नवम्बर 2009 का अवतरण
उसकी दुनिया
बिल्कुल अलग है
मेरी दुनिया से
उसकी दुनिया में सपने हैं प्यार के
कहीं दूर से उसे ब्याहने को आए राजकुमार के
प्रेम है वहाँ, स्नेह है
हृदय में वात्सल्य का अजस्र स्रोत
पक्षियों की उड़ान है उसके भीतर
फूल हैं, हरे-भरे बाग हैं
दूर आसमान को पार कर
सूरज और चाँद तक पहुँच जाने की इच्छा
हेलबोप्प पुच्छल तारे को छूकर
लौट आने की इच्छा
कहीं किसी वन में
हिरणी की तरह दौड़ लगाना चाहती है वह
अपने पीछे नर-हिरण को भगाना चाहती है वह
उसकी दुनिया में सपने हैं यार के
दिन-रात उसके पास रहे, ऎसे दिलदार के
बिल्कुल अलग है उसकी दुनिया
मेरी दुनिया से
उसकी दुनिया में अभी भूख नहीं है
बेरोज़गारी, बेकारी नहीं है
आर्थिक संकट की सूली नहीं है उसकी दुनिया में
घर तो है पर घर का हिसाब नहीं है
बेशुमार बच्चे तो हैं, पर उनका शाप नहीं है
नौकरी की इच्छा, पैसा कमाने की होड़
प्रतिद्वंद्विता, तनाव
अभाव, अक्षमता, बेचारगी
ऋण, सूद, सूदखोर, बेबसी
गिद्ध, साँप, छल-कपट, दगा, धोखा
छाती पर दला मूँग, युद्ध, हत्यारे
विपत्तियाँ, चिंताएँ और परेशानियाँ
खर्चे दुनिया भर के नहीं हैं वहाँ
चर्चे दुनिया भर के नहीं हैं वहाँ
उसकी दुनिया
बिल्कुल अलग है
मेरी दुनिया से
1997 में रचित