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"बिरजीस राशिद आरफ़ी / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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  '''जुलाई, १९४३''' को '''क़स्बा चाँद्पुर (देहरादून)''' में जन्मे''' जनाबे-बिरजीस राशिद आरफ़ी साहब''' को भारत के लगभग तमाम नामी-गिरामी शायरों की मौजूदगी में अपने फ़न का जादू जगा चुके हैं. "राशिद आरफ़ी साहब की ग़ज़लों का एक-एक शेर, उनके चिन्तन की गहराई और विधा पर उनकी मज़बूत पकड़ का उदाहरण है और उनकी शायरी का जादू सुनने-पढ़ने वालों के सर चढ़कर बोलने की क़ाबिलियत रखता है. यह बात उनका शेरी मजमूआ (काव्य-संग्रह)'''"जैसा भी है"''' पढ़कर महसूस किया जा सकती है.
 
  '''जुलाई, १९४३''' को '''क़स्बा चाँद्पुर (देहरादून)''' में जन्मे''' जनाबे-बिरजीस राशिद आरफ़ी साहब''' को भारत के लगभग तमाम नामी-गिरामी शायरों की मौजूदगी में अपने फ़न का जादू जगा चुके हैं. "राशिद आरफ़ी साहब की ग़ज़लों का एक-एक शेर, उनके चिन्तन की गहराई और विधा पर उनकी मज़बूत पकड़ का उदाहरण है और उनकी शायरी का जादू सुनने-पढ़ने वालों के सर चढ़कर बोलने की क़ाबिलियत रखता है. यह बात उनका शेरी मजमूआ (काव्य-संग्रह)'''"जैसा भी है"''' पढ़कर महसूस किया जा सकती है.
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'''संपर्क'''  : बिरजीस राशिद 'आरफ़ी',
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ग्राम:हरिपुर ,ज़िला: देहरादून- 248142
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पोस्ट:हरबर्टपुर,ज़िला: देहरादून(उत्तराखण्ड)
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दूरभाष 01360-258728
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07:04, 3 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण


 जुलाई, १९४३ को क़स्बा चाँद्पुर (देहरादून) में जन्मे जनाबे-बिरजीस राशिद आरफ़ी साहब को भारत के लगभग तमाम नामी-गिरामी शायरों की मौजूदगी में अपने फ़न का जादू जगा चुके हैं. "राशिद आरफ़ी साहब की ग़ज़लों का एक-एक शेर, उनके चिन्तन की गहराई और विधा पर उनकी मज़बूत पकड़ का उदाहरण है और उनकी शायरी का जादू सुनने-पढ़ने वालों के सर चढ़कर बोलने की क़ाबिलियत रखता है. यह बात उनका शेरी मजमूआ (काव्य-संग्रह)"जैसा भी है" पढ़कर महसूस किया जा सकती है.


संपर्क  : बिरजीस राशिद 'आरफ़ी',
ग्राम:हरिपुर ,ज़िला: देहरादून- 248142
पोस्ट:हरबर्टपुर,ज़िला: देहरादून(उत्तराखण्ड)
दूरभाष 01360-258728
09897448028