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"संरचना / शिवप्रसाद जोशी" के अवतरणों में अंतर

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'''(रूसी लेखक मिख़ाइल बुल्गाकोफ़ के उपन्यास 'मास्टर और मर्गारिता' की याद में)'''  
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'''रूसी लेखक मिख़ाइल बुल्गाकोफ़ के उपन्यास 'मास्टर और मर्गारिता' की याद में एक और कविता'''  
 
   
 
   
 
पानी से भी ख़ामोश
 
पानी से भी ख़ामोश

22:49, 13 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

रूसी लेखक मिख़ाइल बुल्गाकोफ़ के उपन्यास 'मास्टर और मर्गारिता' की याद में एक और कविता
 
पानी से भी ख़ामोश
और घास से भी छोटा
होता है प्रेम

सच्चा अगर हो तो
हवा से भी ऊँचा
और आग से भी तेज़
होता है वो

एक आकाश
मनुष्य के भीतर
उसके न रहने पर भी रहता है हमेशा
सच्चा अगर होता है प्रेम।