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"एक अम्लान सूर्य होता है / विनोद तिवारी" के अवतरणों में अंतर
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07:41, 16 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
एक अम्लान सूर्य होता है
सत्य पर आवरण नहीं होता
लोग कुछ इस तरह भी जीते हैं
मौत से भी मरण नहीं होता
उम्र यूँसौ बरस की होती है
एक पर अपना क्षण नहीं होता
सुख तो सब लोग बाँट लेते हैं
दुख का हस्तांतरण नहीं होता
लोग सीता की बात करते हैं
राम-सा आचरण नहीं होता
दीख भर जाए कोई काँचन मृग
लोभ का संवरण नहीं होता