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"चांद तन्हा है आसमां तन्हा / मीना कुमारी" के अवतरणों में अंतर

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जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा
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राह देखा करेगा सदियॊं तक  
 
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छोड़ जायेंगे यह जहाँ तन्हा.
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छोड़ जाएंगे ये जहाँ तन्हा।

21:05, 16 दिसम्बर 2009 का अवतरण


चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा,
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा

बुझ गई आस, छुप गया तारा,
थरथराता रहा धुआँ तन्हा

ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं,
ज़िस्म तन्हा है और जाँ तन्हा

हमसफ़र कोई गर मिले भी कभी,
दोनों चलते रहें तन्हा-तन्हा

जलती-बुझती-सी रोशनी के परे,
सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा

राह देखा करेगा सदियॊं तक
छोड़ जाएंगे ये जहाँ तन्हा।