भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आँधियों से थे अनमने तिनके / विनोद तिवारी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद तिवारी |संग्रह=दर्द बस्ती का / विनोद तिवार…) |
|||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
[[KKCatGhazal]] | [[KKCatGhazal]] | ||
<poem> | <poem> | ||
+ | |||
आँधियों से थे अनमने तिनके | आँधियों से थे अनमने तिनके | ||
कौन आया बुहारने तिनके | कौन आया बुहारने तिनके |
07:34, 18 दिसम्बर 2009 का अवतरण
आँधियों से थे अनमने तिनके
कौन आया बुहारने तिनके
ये ज़माने की ठोकरों में पले
आँख की किरकिरी बने तिनके
कोई लाया था एक चिन्गारी
फूँक डाले हैं आग ने तिनके
बोझ इस्पात का सँभालेंगे
एक-जुट हो के जो तने तिनके
घोंसले वालो आ गए वहशी
चीख़ते ख़ून में सने तिनके