"पूरब और पश्चिम / है प्रीत जहाँ की रीत सदा" के अवतरणों में अंतर
Aditya jalan (चर्चा | योगदान) (ye adbhut geet "purab aur paschim" film se hai. ise gaaya tha swargiye sri "mahendra kapoor" ne aur filmaya gaya tha mahaan kalakar "manoj kumar" par) |
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− | + | जब जीरो दिया मेरे भारत ने <br /> | |
− | + | भारत ने मेरे भारत ने <br /> | |
− | + | दुनिया को तब गिनती आयी <br /> | |
− | + | तारों की भाषा भारत ने दुनिया को पहले सिखलाई <br /> | |
− | + | देता न दशमलव भारत तो यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था <br /> | |
− | + | धरती और चाँद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था <br /><br /> | |
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− | + | सभ्यता जहां पहले -२ <br /> | |
− | + | पहले जन्मी है जहाँ पे कला <br /> | |
− | + | अपना भारत वो भारत है, जिसके पिच्छे संसार चला <br /> | |
− | + | संसार चला और आगे बढ़ा, यूँ आगे बढ़ा बढ़ता ही गया <br /> | |
− | + | भगवन करे ये और बढे, बढ़ता ही रहे ओर फुले फले <br /> | |
+ | हो हो हो <br /> <br /> | ||
+ | है प्रीत जहाँ की रीत सदा -३ <br /> | ||
+ | मै गीत वहाँ के गाता हूँ, भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ <br /> | ||
+ | है प्रीत जहाँ की रीत सदा <br /> <br /> | ||
− | + | काले गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है..... <br /> | |
− | + | कुछ ओर ना आता हो हमको, हमे प्यार निभाना आता है <br /> | |
− | + | जिसे मान चुकी सारी दुनिया, हो जिसे मान चुकी सारी दुनिया <br /> | |
− | + | मै बात, मै बात वही दोहराता हूँ <br /> | |
− | + | भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ <br /> | |
− | + | है प्रीत की रीत सदा <br /> <br /> | |
− | + | जीते हों किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है <br /> | |
− | + | जहां राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है <br /> | |
− | + | इतने पवन हैं लोग जहां, हो इतने पवन हैं लोग जहां <br /> | |
− | + | मै नित नित, मै नित नित शीश झुकता हूँ <br /> | |
− | + | भारत का रहने वाला हूँ भरा की बात सुनाता हूँ <br /><br /> | |
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− | + | इतनी ममता नदियों को भी जहा माता कहके बुलाते हैं <br /> | |
− | + | इतना आदर, इंसान तो क्या पत्थर भी पूजे जाते हैं <br /> | |
− | + | उस धरती में मैंने जन्म लिया हो उस धरती पे मैंने जन्म लिया <br /> | |
− | + | ये सोच, ये सोच के मै इतराता हूँ <br /> | |
− | + | भारत का रहने वाला हो भारत की बात सुनाता हूँ <br /> | |
− | + | है प्रीत जहा की रीत सदा <br /> |
01:21, 19 दिसम्बर 2009 का अवतरण
जब जीरो दिया मेरे भारत ने
भारत ने मेरे भारत ने
दुनिया को तब गिनती आयी
तारों की भाषा भारत ने दुनिया को पहले सिखलाई
देता न दशमलव भारत तो यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था
सभ्यता जहां पहले -२
पहले जन्मी है जहाँ पे कला
अपना भारत वो भारत है, जिसके पिच्छे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा, यूँ आगे बढ़ा बढ़ता ही गया
भगवन करे ये और बढे, बढ़ता ही रहे ओर फुले फले
हो हो हो
है प्रीत जहाँ की रीत सदा -३
मै गीत वहाँ के गाता हूँ, भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
काले गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है.....
कुछ ओर ना आता हो हमको, हमे प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया, हो जिसे मान चुकी सारी दुनिया
मै बात, मै बात वही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत की रीत सदा
जीते हों किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है
जहां राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है
इतने पवन हैं लोग जहां, हो इतने पवन हैं लोग जहां
मै नित नित, मै नित नित शीश झुकता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ भरा की बात सुनाता हूँ
इतनी ममता नदियों को भी जहा माता कहके बुलाते हैं
इतना आदर, इंसान तो क्या पत्थर भी पूजे जाते हैं
उस धरती में मैंने जन्म लिया हो उस धरती पे मैंने जन्म लिया
ये सोच, ये सोच के मै इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हो भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहा की रीत सदा