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(नया पृष्ठ: <poem> कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जा ये जिन्दगी है कौम् कि तु …)
 
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कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जा
 
कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जा
 
ये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जा
 
ये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जा

16:11, 23 दिसम्बर 2009 का अवतरण

रचनाकार: राम सिंग ठाकुर                 

कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जा
ये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जा
कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जा
ये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जा

तु शेर्-ए-हिन्द् आगे बढ, मरने से तु कभी ना डर
तु शेर्-ए-हिन्द् आगे बढ, मरने से तु कभी ना डर
उढाके दुश्मनो का सर्, जोशे वतन् बढाये जा
उढाके दुश्मनो का सर्, जोशे वतन् बढाये जा

कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जा
ये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जा - (2)

हिम्मत तेरी बढती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे
हिम्मत तेरी बढती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे
जो सामने तेरे खडे, तु खाख् मे मिलाये जा
जो सामने तेरे खडे, तु खाख् मे मिलाये जा

कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जा
ये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जा - (2)

चलो दिल्ली पुकार के, कौमी निशां सम्भाल के
चलो दिल्ली पुकार के, कौमी निशां सम्भाल के
लाल कीले पे गाड्के, लेहरायें जा लेहरायें जा
लाल कीले पे गाड्के, लेहरायें जा लेहरायें जा


कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जा
ये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जा - (2)