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"हमराही / बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो" के अवतरणों में अंतर

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बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।
 
बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।
 
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ऎ देश के सपूतो! मज़दूर और किसानो।।
ऎ देश के सपूतो! मज़दूर और किसानो!!
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है रास्ता भी रौशन और सामने है मंज़िल।
 
है रास्ता भी रौशन और सामने है मंज़िल।
 
 
हिम्मत से काम लो तुम आसान होगी मुश्किल।।
 
हिम्मत से काम लो तुम आसान होगी मुश्किल।।
 
 
कर के उसे दिखा दो, जो अपने दिल में ठानो।
 
कर के उसे दिखा दो, जो अपने दिल में ठानो।
 
 
बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।।
 
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भूखे महाजनों ने, ले रखे हैं इजारे।
भूखे महाजनों ने, ले रखे हैं इजारे!
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जिनके सितम से लाखों फिरते हैं मारे-मारे।।
 
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हैं देश के ये दुश्मन! इनको न दोस्त जानो।
 
हैं देश के ये दुश्मन! इनको न दोस्त जानो।
 
 
बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।।
 
बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।।
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<Poem>

16:38, 23 दिसम्बर 2009 का अवतरण

रचनाकार: मुंशी जाकिर् हुसैन्                 

बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।
ऎ देश के सपूतो! मज़दूर और किसानो।।

है रास्ता भी रौशन और सामने है मंज़िल।
हिम्मत से काम लो तुम आसान होगी मुश्किल।।
कर के उसे दिखा दो, जो अपने दिल में ठानो।
बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।।

भूखे महाजनों ने, ले रखे हैं इजारे।
जिनके सितम से लाखों फिरते हैं मारे-मारे।।
हैं देश के ये दुश्मन! इनको न दोस्त जानो।
बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।।