भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उलझन / रंजना भाटिया

1 byte removed, 15:07, 24 दिसम्बर 2009
उलझन /रंजना भाटिया का नाम बदलकर उलझन / रंजना भाटिया कर दिया गया है
कई उलझने हैं,
कई रोने को बहाने हैं,
कई उदास रातें हैं.पर....  पर....जब तेरी नज़रों नज़रें मेरी नज़रों से...जब तेरी धड़कनें मेरी धड़कनों से ....
और तेरी उँगलियाँ मेरी उँगलियों से उलझ जाती हैं,
 तो मेरे जीवन की कई अनसुलझी समस्यायेंजैसे ख़ुद ही सुलझ जाती हैं......
<poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,395
edits