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"कविता / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर

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कविता जीवन का क्लोरोफिल
 
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और जीवन सृष्टि का पत्ता
 
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उलटता पृष्ठ यह सोचकर
 
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कौन सोया है इस वृक्ष की छाया में
 
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किसका यह सपना
 
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जो देखता मैं
 
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'''रचनाकाल: 22.1.2006
 
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22.1.2006
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17:47, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

कविता जीवन का क्लोरोफिल
और जीवन सृष्टि का पत्ता
उलटता पृष्ठ यह सोचकर
कौन सोया है इस वृक्ष की छाया में
किसका यह सपना
जो देखता मैं
उसे अपना समझ कर.

रचनाकाल: 22.1.2006