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"ढलती एक शाम / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर

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ली यह साँस करने यह सवाल
 
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कि नहीं करूंगा फिर वही सवाल,
 
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मैं चिड़िया हूँ या पतंग
 
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या दोनों ही हूँ एक साथ  
 
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29.1.2006
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17:49, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

कितने आयाम कि चैन नहीं जिसमें
ली यह साँस करने यह सवाल
कि नहीं करूंगा फिर वही सवाल,
मैं चिड़िया हूँ या पतंग
या दोनों ही हूँ एक साथ
उस आयाम में
ढलती एक शाम

रचनाकाल: 29.1.2006