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"पानी मकाँ अगले क़दमों में / कृश्न कुमार तूर" के अवतरणों में अंतर

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मैं वहम हूँ या हक़ीक़त ये हाल देखने को
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पानी मकाँ अगले क़दमों में
गिरफ़्त होता हूँ अपना विसाल देखने को
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इक इक जहाँ अगले क़दमों में
  
चराग़ करता हूँ अपना हर इक अज़ू-ए-बदन
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सूरत अगर है यही दिल की
त्तरस गया हूँ ग़मे-ला-ज़वाल देखने को
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इम्काने-जाँ अगले क़दमों में
  
मैं आदमी हूँ कि पत्थर जवाब देते नहीं
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है पिछले क़दमों में यह दुनिया
चले हैं चले हैं कोहे-नदा से सवाल देखने को
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मेरा जहाँ अगले क़दमों में
  
न शऊर हैं न सताइश अजब ज़माना है
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लिख दें हवाओं के चेहरे पर
कहीं पे मिलता नहीं अब कमाल देखने को
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अगला निशान अगले क़दमों में
  
मैं ‘तूर‘ आख़िरी साअत का एक मंज़र हूँ
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सूरत यही हो सफ़र की ‘तूर’
वो आ रहा है मुझे बे मिसाल देखने को
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हर आसमाँ अगले क़दमों में
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मैं वहम हूँ या हक़ीक़त ये हाल देखने को
 
गिरफ़्त होता हूँ अपना विसाल देखने को
 
 
चराग़ करता हूँ अपना हर इक अज़ू-ए-बदन
 
त्तरस गया हूँ ग़मे-ला-ज़वाल देखने को
 
 
मैं आदमी हूँ कि पत्थर जवाब देते नहीं
 
चले हैं चले हैं कोहे-नदा से सवाल देखने को
 
 
न शऊर हैं न सताइश अजब ज़माना है
 
कहीं पे मिलता नहीं अब कमाल देखने को
 
 
मैं ‘तूर‘ आख़िरी साअत का एक मंज़र हूँ
 
वो आ रहा है मुझे बे मिसाल देखने को
 
 
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11:02, 27 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण


पानी मकाँ अगले क़दमों में
इक इक जहाँ अगले क़दमों में

सूरत अगर है यही दिल की
इम्काने-जाँ अगले क़दमों में

है पिछले क़दमों में यह दुनिया
मेरा जहाँ अगले क़दमों में

लिख दें हवाओं के चेहरे पर
अगला निशान अगले क़दमों में

सूरत यही हो सफ़र की ‘तूर’
हर आसमाँ अगले क़दमों में