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"उनींदे की लोरी (कविता) / गिरधर राठी" के अवतरणों में अंतर
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छो (उनींदे की लोरी. / गिरधर राठी का नाम बदलकर उनींदे की लोरी (कविता) / गिरधर राठी कर दिया गया है) |
(कोई अंतर नहीं)
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12:42, 27 दिसम्बर 2009 का अवतरण
साँप सुनें अपनी फुफकार और सो जाएँ
चींटियाँ बसा लें घर-बार और सो जाएँ
गुरखे कर जाएँ ख़बरदार और सो जाएँ