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"गंगा जमुना / इन्साफ की डगर पर" के अवतरणों में अंतर
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00:32, 28 दिसम्बर 2009 का अवतरण
इन्साफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के
ये देश हैं तुम्हारा, नेता तुम ही हो कल के
दुनियाँ के रंज सहना और कुछ ना मुह से कहना
सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदलके
अपने हो या पराए, सब के लिए हो न्याय
देखो कदम तुम्हारा, हरगीज ना डगमगाए
रस्ते बडे कठीन हैं, चलना संभल संभल के
इन्सानियत के सर पे, इज्जत का ताज रखना
तन मन की भेट देकर, भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के