भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[कब भेजोगे दर्द का बादल कब बरखा बरसाओगे / फ़ैज़]]
* [[कुछ रौशनी बाक़ी तो है हरचंद के: कम है/ फ़ैज़]]
* [["नहीं विसाल मयस्सर तो आर्जू आरजू ही सही" / फ़ैज़]]
* [[ये: शहर उदास इतना ज़्यादा तो नहीं था / फ़ैज़]]