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हलात के कदमो मे कलन्दर नहीँ गिरता, गर टूटे तारा तो जमी पर नहीँ गिरता। बडे शौक से गिरते हैँ समन्दर मेँ दरिया, पर किसी दरिया मेँ समन्दर नहीँ गिरता।