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"प्रार्थना / मृत्यु-बोध / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर
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अमरता नहीं; | अमरता नहीं; | ||
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अजरता। | अजरता। | ||
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सकल स्वास्थ्य, आरोग्य | सकल स्वास्थ्य, आरोग्य | ||
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निरुद्विग्नता — | निरुद्विग्नता — | ||
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तन और मन की। | तन और मन की। | ||
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अभिप्रेत वरदान यह | अभिप्रेत वरदान यह | ||
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तन क्लेश-मुक्त | तन क्लेश-मुक्त | ||
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मन क्लेश-मुक्त | मन क्लेश-मुक्त | ||
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हाँ, | हाँ, | ||
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एक-सौ-और-पच्चीस वर्षों | एक-सौ-और-पच्चीस वर्षों | ||
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अपने लिए, | अपने लिए, | ||
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दूसरों के लिए। | दूसरों के लिए। | ||
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15:04, 1 जनवरी 2010 का अवतरण
वांछित
अमरता नहीं;
चाहता हूँ
अजरता।
सकल स्वास्थ्य, आरोग्य
निरुद्विग्नता —
तन और मन की।
अभिप्रेत वरदान यह
कल्पित किसी ईश से —
नहीं।
स्व-साधित सतत साधना से —
आराधना से नहीं।
तन क्लेश-मुक्त
मन क्लेश-मुक्त
हाँ,
एक-सौ-और-पच्चीस वर्षों
जिएँ हम!
अपने लिए,
दूसरों के लिए।