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"मैं तथा मैं (अधूरी तथा कुछ पूरी कविताएँ) - 4 / नवीन सागर" के अवतरणों में अंतर
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आधी रात | आधी रात |
13:00, 2 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
आधी रात
दस्तक दरवाज़े पर
मैं नींद के बाहर
दरवाज़ा खोलकर
सामने
किसी की जगह कोई नहीं
आकार
जहाँ नहीं वहाँ घूरता
क्या नहीं है उस
खाली जगह में जिसकी
पीठ इस तरह
उस तरफ़ अन्धकार।