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"सूरीनाम नदी तट पर गंगा - १ / पुष्पिता" के अवतरणों में अंतर
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गंगा होने के लिए। | गंगा होने के लिए। | ||
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15:38, 2 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
एक नदी से
मिलती है एक नदी
और खामोश हो जाती है।
नदी की आंखों में
देखती है एक नदी
और रो पड़ती है।
नदी बहकर आती है
और बहाकर ले जाती है आंखों को
मन की नदी की ओर।
सूरीनामी नदी
आंखों में समा जाती है
मन के समुदर् में
गंगा की तलाश में।
सूरीनामी नदी
शब्द-नदी की तरह मिलती है
और अर्थ-सरिता की तरह मिल जाती है
मन की गंगा में
गंगा होने के लिए।