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"सोई सही राजा दान धारा न रुकति जाकी / हरिकेश" के अवतरणों में अंतर
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15:46, 2 जनवरी 2010 का अवतरण
सोई सही राजा दान धारा न रुकति जाकी ,
जुद्ध जस धारा देवदारा मुख जोबती ।
कबि हरिकेस कहै सोई सही राजा ,
जाकी प्रजा ध्रुव धरम धुजा के छाँह सोवती ।
ऎसे तो कहावत हैँ कोरी राजा कोढ़ी राजा ,
घर घर राजा मान मैया मुँह जोबती ।
सुमिरि सुमिरि चमरैलियाँ कुरैलियाहू ,
मूये ते खसम राजा राजा कहि रोबती ।
हरिकेश का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मेहरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।