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"सोई सही राजा दान धारा न रुकति जाकी / हरिकेश" के अवतरणों में अंतर
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सोई सही राजा दान धारा न रुकति जाकी, | सोई सही राजा दान धारा न रुकति जाकी, |
15:53, 2 जनवरी 2010 का अवतरण
सोई सही राजा दान धारा न रुकति जाकी,
जुद्ध जस धारा देवदारा मुख जोबती।
कबि हरिकेस कहै सोई सही राजा,
जाकी प्रजा ध्रुव धरम धुजा के छाँह सोवती।
ऎसे तो कहावत हैँ कोरी राजा कोढ़ी राजा,
घर घर राजा मान मैया मुँह जोबती।
सुमिरि सुमिरि चमरैलियाँ कुरैलियाहू,
मूये ते खसम राजा राजा कहि रोबती।
हरिकेश का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मेहरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।