भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गद्यमयी / दिनेश कुमार शुक्ल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
कुमार मुकुल (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> गद्यमय हो …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:37, 9 जनवरी 2010 का अवतरण
गद्यमय
हो गई हो तुम
अब से
मैं मानूंगा
तुम्हें ही अपना निकष,
खींचूंगा
तुम घ्पर मैं रेखा सुवर्ण की ।