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"सैलाब / शीन काफ़ निज़ाम" के अवतरणों में अंतर

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दूर से
 
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अब बहुत नज़दीक है
 
अब बहुत नज़दीक है
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फिर वही बिलकुल वही बरसों पुरानी  
 
फिर वही बिलकुल वही बरसों पुरानी  
घड़घड़ाहट आओ
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घड़घड़ाहट आओ
 
हम सब
 
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फिर दुआ माँगें
 
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नदियाँ नाले परिंदे
 
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क़िस्से
 
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घड़ घड़ड़ घड़ घड़घड़ाहट
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घड़ड़ घड़ घड़ घड़घड़ाहट
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घड़ड़ घड़ घड़ घड़घड़ाहट
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घड़ड़ घड़ घड़ घड़घड़ाहट
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रेगज़ारों की हथेली पर
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पसरतीं
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गडमड
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लकीरें
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देखता हूँ
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सोचता हूँ
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ज़िस्म में पसली नहीं है
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नाफ़ की एवज़ इक गहरा कुआँ है
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हर तरफ़
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अब ख़ाक का गहरा धुआँ है
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फल कहाँ है
 
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20:27, 10 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

बज रही हैं
सुन रहे हो
दूर से
अब बहुत नज़दीक है
नज़दीकतर
फिर वही बिलकुल वही बरसों पुरानी
घड़घड़ाहट आओ
हम सब
फिर दुआ माँगें
हमारे ज़िस्म के
हर एक मू से
इस दफा तो पैर निकलें
हम सब अपने अनगिनत पैरों से
अब के
भाग निकलें
छोड़ कर
घर और घरौंदे
नदियाँ नाले परिंदे
क़िस्से
घड़ घड़ड़ घड़ घड़घड़ाहट
घड़ड़ घड़ घड़ घड़घड़ाहट
घड़ड़ घड़ घड़ घड़घड़ाहट
घड़ड़ घड़ घड़ घड़घड़ाहट

रेगज़ारों की हथेली पर
पसरतीं
गडमड
लकीरें
देखता हूँ
सोचता हूँ
ज़िस्म में पसली नहीं है
नाफ़ की एवज़ इक गहरा कुआँ है
हर तरफ़
अब ख़ाक का गहरा धुआँ है
फल कहाँ है